महफ़िल-ऐ-रुसवाई ने मिलने न दिया
तेरे आसुओ ने दर्द-ऐ-गम पीने न दिया
तन्हाई-ऐ-याद में जी लेते लेकिन
दुनिया-ऐ-भीड़ में तुमने मरने न दिया
अशोक "नाम"
Saturday, July 17, 2010
Friday, July 16, 2010
साया
जिन्दा है मगर अपनी ही ज़िन्दगी से बे-खबर है
सफ़र में है मगर हमसफ़र से बे-खबर है
तनहा चले जा रहे है
मगर...
एक अंजन साए को साथ पाया
ठहर गए कुछ पल वक़्त गुजरने के लिए
मगर ...वो साया चलता रहा मंजिल की तरफ
सवाल ये है क उस साए की पहचान क्या लेकिन ...
आहिस्ता -आहिस्ता धड़कने लबो पे आये और हौले से कहा
"नाम" उस साए का नाम मौत है।
अशोक "नाम"
Tuesday, July 13, 2010
Monday, July 12, 2010
धडकनों का दर्द
अपनी हर कमजोरियों पे एतबार किया हमने
जो शख्श मिला नहीं उसे बे इन्तेहाँ प्यार किया हमने
बिना दिल तोड़े वक़्त ने छिना उन्हें हमसे
बिना टुकडो के धडकनों में दर्द महसूस किया हमने
अशोक "नाम"
जो शख्श मिला नहीं उसे बे इन्तेहाँ प्यार किया हमने
बिना दिल तोड़े वक़्त ने छिना उन्हें हमसे
बिना टुकडो के धडकनों में दर्द महसूस किया हमने
अशोक "नाम"
Thursday, July 8, 2010
हमसफ़र
हमसफ़र
धडकनों में चाँद सितारों का बसर है
पलकों पे आपकी यादों का असर है
जिसकी तलाश है दर्द को वो खुशियों से बेखबर है
तनहा है सफर लेकिन मंजिल "नाम" की हमसफ़र है
अशोक "नाम"
धडकनों में चाँद सितारों का बसर है
पलकों पे आपकी यादों का असर है
जिसकी तलाश है दर्द को वो खुशियों से बेखबर है
तनहा है सफर लेकिन मंजिल "नाम" की हमसफ़र है
अशोक "नाम"
Friday, July 2, 2010
आपकी यादें
आपकी यादें
आपके सपने धडकनों पे रख शब् भर जागे रहे
आपकी यादें मंजील पे रख हर पल सफ़र में रहे
आपकी तस्वीर सांसो पे रख ज़िन्दगी की कीताब पड़ते रहे
आपकी आवाज़ पलकों पे रख हर लम्हा दर्द को गुनगुनाते रहे
अशोक 'नाम'
आपके सपने धडकनों पे रख शब् भर जागे रहे
आपकी यादें मंजील पे रख हर पल सफ़र में रहे
आपकी तस्वीर सांसो पे रख ज़िन्दगी की कीताब पड़ते रहे
आपकी आवाज़ पलकों पे रख हर लम्हा दर्द को गुनगुनाते रहे
अशोक 'नाम'
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