Monday, September 24, 2007

चंचल बेटी

चंचल बेटी

माँ की नम आंखों में
भीगती चंचल बेटी


पिता की खुशियों में
महकती चंचल बेटी


अतीत की यादों में
संवरती चंचल बेटी


भविष्य की बाँहों में
मचलती चंचल बेटी



घर के आंगन में
चहकती चंचल बेटी


रात की चांदनी में
चांद-सी चंचल बेटी


तनहाई में पल-पल संभलती
उदास-सी चंचल बेटी


ख्वाबों को पलकों पे उतरती
सपनों-सी चंचल बेटी



जिन्दगी को बागों में बदलती
फूल-सी चंचल बेटी


बेगानो को अपना बनाती
नाजुक-सी चंचल बेटी


आज को कल, कल को आज बनाती
अनजान-सी चंचल बेटी


पत्तों पे याद बनकर उतरती
शबनम-सी चंचल बेटी


अशोक "नाम"

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