Wednesday, October 3, 2012

अर्ज़ किया है

अर्ज़ किया है

धडकनों को इंतजार था चांदनी का,
रात को इंतजार था रौशनी का,
पलकों को इंतजार था सपनो का,
सपनो को इंतजार था नींद का।

अशोक 'नाम'

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