Friday, July 2, 2010

आपकी यादें

आपकी यादें

आपके सपने धडकनों पे रख शब् भर जागे रहे
आपकी यादें मंजील पे रख हर पल सफ़र में रहे

आपकी तस्वीर सांसो पे रख ज़िन्दगी की कीताब पड़ते रहे
आपकी आवाज़ पलकों पे रख हर लम्हा दर्द को गुनगुनाते रहे

अशोक 'नाम'

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