कुछ सवाल और जवाब:
सवाल: खुशियों की मंजिल क्या है?
जवाब: हर बार खुशियाँ, मंजिल पे पहुचकर, आंसूऒं में तब्दील हो जाती है।
सवाल: जिंदगी क्या है?
जवाब: यादों की परतें ।
सवाल: जिन्दगी का सार क्या है?
जवाब: गलतियों का दोहराव ही इन्सान की जिन्दगी का सार है ।
सवाल: दर्द का अहसास क्या है?
जवाब: ख़ुशी के पलों में जो चोट लगती है, उसकी टीस जिन्दगी भर सताती है क्योकि जब भी जिन्दगी में ख़ुशी आती है, जाने-अनजाने वो दर्द भी अपना अहसास छोड जाता है ।
सवाल: वर्तमान क्या है?
जवाब: पल-पल करके वर्तमान अतीत बनता जा रहा है, इसलिये वर्तमान का भविष्य, अतीत ही होता है । इन्सान का एक कदम अतीत, तो दूसरा कदम भविष्य की ओर होता है और उन दोनो क़दमों के बीच का खालीपन ही वर्तमान है ।
सवाल: सृजन क्या है ?
जवाब: मन, मस्तिष्क और दिल जब एक ही दिशा में (किसी विषय अथवा कार्य से सम्बंधित) अपना रुख करते है, तब जो भी परिणाम निकलता है, वही सृजन है ।
सवाल: मन का कार्य क्या है?
जवाब: भावनाओं और विचारों के बीच टकराव की स्थिति निर्मित करना ।
सवाल: यादें ...?
जवाब: किसी को भुलाने के लिए उसे याद करना पड़ता है । इन्सान यादों का गुलाम होता है ।
सवाल: अनकही कहानी क्या है?
जवाब: हर इन्सान अपने आप में एक अनकही कहानी है, पढ़ते जाओ मगर पन्ने कभी खत्म नही होते ।
सवाल: चाहत की इन्तेहा ...?
जवाब: किसी को इतना भी न चाहो कि धड़कने पलकों पे उतरने लगे ।
सवाल: खुद स्वयं से मिलने में डर क्यो लगता है?
जवाब: सच से दूरी बनाए रखना इन्सान कि आदत है, क्योकि सच का सामना करना मुमकिन नही होता ।
सवाल: इन्सान दूसरों से क्यो मिलता है? या दूसरों से क्यो मिलना चाहता है?
जवाब: अपने आप से दूर भागने के लिए ।
अशोक "नाम"
Wednesday, May 23, 2007
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1 comment:
अशोक जी,
आपके सवाल जवाव पढे .. अच्छे लगे
लेकिन
खुद से न सवाल कर, खुद से न जबाब मांग
प्यास बुझ न पायेगी, जितना भी हिसाब मांग
लिखते रहिये
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