चंचल बेटी
माँ की नम आंखों में
भीगती चंचल बेटी
पिता की खुशियों में
महकती चंचल बेटी
अतीत की यादों में
संवरती चंचल बेटी
भविष्य की बाँहों में
मचलती चंचल बेटी
घर के आंगन में
चहकती चंचल बेटी
रात की चांदनी में
चांद-सी चंचल बेटी
तनहाई में पल-पल संभलती
उदास-सी चंचल बेटी
ख्वाबों को पलकों पे उतरती
सपनों-सी चंचल बेटी
जिन्दगी को बागों में बदलती
फूल-सी चंचल बेटी
बेगानो को अपना बनाती
नाजुक-सी चंचल बेटी
आज को कल, कल को आज बनाती
अनजान-सी चंचल बेटी
पत्तों पे याद बनकर उतरती
शबनम-सी चंचल बेटी
अशोक "नाम"
Monday, September 24, 2007
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