खामोश
धड़कन
अगर
आंसू बनकर
पलकों पे
आए
तो
समझना
किसी ने आपको
याद किया है ...
दर्द
अगर
होंटों पे
आए
तो
समझना
कोई
ग़ज़ल बनकर
आपकी
जिन्दगी
में आया है ...
फूलों
की खुशबु
अगर
साँसों
मे समां जाये
तो
समझना
कोई
बहार बनकर
आपके सपनों मे
महका है ...
दिल
अगर
थम-थम कर
धड़कन
लगे
तो
समझना
कोई
मोंम बनकर
आपकी
बाहों मे
पिघल
रहा है ...
अशोक "नाम"
Saturday, July 28, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
dard-e-dil ka javaab nahi
Post a Comment