अपनी हर कमजोरियों पे एतबार किया हमने
जो शख्श मिला नहीं उसे बे इन्तेहाँ प्यार किया हमने
बिना दिल तोड़े वक़्त ने छिना उन्हें हमसे
बिना टुकडो के धडकनों में दर्द महसूस किया हमने
अशोक "नाम"
Monday, July 12, 2010
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एक अनजान सफर का बे-नाम मुसाफ़िर॰॰॰
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