Tuesday, November 23, 2010

तलाश-ऐ-आरज़ू

तमाम हो रही है ज़िन्दगी लम्हों के गुजरने के अहसास के साथ
पुकारती है धड़कने तन्हाई में दर्द को पलकों के पास

अजनबी हो रही है मंजिल हमसफ़र के क़दमों की आहट के साथ
गुजरती है सांसें खुशियों के रास्ते लबों के पास

खामोश हो रही है रातें ख्वाबों के सो जाने की उम्मीद के साथ
उठती है लहरें शब्-भर सीने पे नींद के पास

गुमशुदा हो रही है चाहतें तलाश-ऐ-आरज़ू के फ़ना होने के साथ
जलती है शमा हर बार इंतजार में परवाने के पास

हो रही है बेवफा यादें वादों के टूट के बिखरने के साथ
सिसकती है चांदनी चाँद के पहलू में सितारों के पास

हो रही है बेमतलब दुनिया "नाम" के जमीदोश होने के साथ
मुस्कुराती है मौत जन्नत की दहलीज़ पे कफ़न के पास

अशोक "नाम"

मिलता नहीं

होता है हर मजिल का सफ़र ये मालूम है मुझे
मुझको मेरी मंजिल का सफ़र मगर मिलता नहीं

होना है फ़ना एक दिन जलके ये मालूम है मुझे
मुझको तेरी महफ़िल का पता मगर मिलता नहीं

होते है जुदा मुसाफिर मोड़ पे ये मालूम है मुझे
मुझको मेरी ज़िन्दगी का मुकाम मगर मिलता नहीं

होता है महसूस धडकनों को दर्द ये मालूम है मुझे
मुझको तेरी पलकों का किनारा मगर मिलता नहीं

होता है हर लम्हे में सदियों का अहसास ये मालूम है मुझे
मुझको मेरी मौत का वक़्त मगर मिलता नहीं

होती है आहट "नाम" के सीने पे ये मालूम है मुझे
मुझको तेरी ख़ामोशी का सहारा मगर मिलता नहीं

अशोक "नाम"

come to me for life

when I feel pain
your hands are so wide

I hear the same
when you say through your eyes

when you smile in soft
I feel my heart-beats closer your heart

No more reason
No real dreams
just show me the way
how I feel you near

I hear the same
when you say through your eyes

when I do wrong
I like you'll be right
you'll be mine
now. always, forever

No more closeness
No real deepness
just ask me in the way
you feel me through your tears

I hear the same
when you say through your eyes

when I feel alone
I hate to live more
come to me for life
make me alive forever

No more wait
No real faith
just love me in the way
you make me happy through your lips

I hear the same
when you say through your eyes


ashok lalwani

Wednesday, November 17, 2010

आंसुओ की सदा

कुछ कतरे बचे है धडकनों में दर्द के
पलकों से आंसुओ की सदा फिर आती क्यों नहीं

कुछ उम्मीदें बची है ज़िन्दगी में मौत की
तन्हाई में यादों की महक फिर आती क्यों नहीं

कुछ रास्तें बचे है सफ़र में मंजिल के
हमसफ़र के कदमो की आहट फिर आती क्यों नहीं

कुछ फासले बचे है आलम में नजदीकियों के
उस शख्श के आने की उम्मीद फिर आती क्यों नहीं

कुछ लम्हे बचे है सीने पे वक़्त के
सदियों के गुजर जाने की चाहत फिर आती क्यों नहीं

कुछ इरादे बचे है मुहब्बत में "नाम" के
लबों पे खुशियों के बहार फिर आती क्यों नहीं

अशोक "नाम"

Tuesday, November 16, 2010

अश्कों के मोती

चाँद गुनगुनाने लगा, सितारें गीत गाने लगे
जब आपकी यादों के बादल सीने पे उतरने लगे

महफ़िलें सजने लगी, शमाओ के दिल जलने लगे
जब आपके दर्द के अफसाने पलकों पे मचलने लगे

हवाओं में नशा घुलने लगा, मौसमों के रंग बदलने लगे
जब आपके अह्स्कों के मोती लबों को चूमने लगे

धडकनों के किनारे धूआ उतने लगा, सांसों के सफ़र थमने लगे
जब आपको आपके अपने साये अजबनी लगने लगे

वफाओं में ख़ामोशी छाने लगी, वादों के परिन्दें उड़ने लगे
जब आपकी तनहा मंजिलें मोड़ पे आके सिसकने लगे

सीने पे रातें जागने लगी, क़दमों के निशां मिटने लगे
जब आपके ख्वाब "नाम" की ज़िन्दगी होने लगे

अशोक "नाम"

Friday, November 12, 2010

तुम नहीं हो

तसल्ली इस बात की नहीं के
धडकनों को किनारा मिल गया
अफ़सोस इस बात है के
धडकनों में तुम नहीं हो


तसल्ली इस बात की नहीं के
ज़िन्दगी की सहारा मिल गया
अफ़सोस इस बात है के
ज़िन्दगी में तुम नहीं हो


तसल्ली इस बात की नहीं के
सफ़र को मंजिल मिल गयी
अफ़सोस इस बात है के
सफ़र में तुम नहीं हो


तसल्ली इस बात की नहीं के
आंसुओं को हमसफ़र मिल गया
अफ़सोस इस बात है के
आंसुओं में तुम नहीं हो


तसल्ली इस बात की नहीं के
घर को दरो-दिवार मिल गए
अफ़सोस इस बात है के
घर में तुम नहीं हो


"नाम" तसल्ली इस बात की नहीं के
सांसों का मंजर थम गया
अफ़सोस इस बात है के
सांसों में तुम नहीं हो


अशोक "नाम"

यादों के निशाँ

ज़िन्दगी संवरती है, वक़्त गुजरता है
कुछ निशां यादों के
न मिटते है, न हलके होते है

सपने दम तोड़ते है, चाहते गुम होती है
कुछ सफ़र ज़िन्दगी के
न खत्म होते है, न बदलते है

मुसाफिर मिलते है, कारवां बदलता है
कुछ हमराही तन्हाई के
न गुजरते है, न ठहरते है

मौसुम रंग छोड़ते है, चेहरे बदलते है
कुछ आलम बेवफाई के
न मुस्कुराते है, न नम होते है

बदल छाते है, झुल्फें खुलती है
कुछ नशा अदाओं का
न बरसता है, न उतरता है

"नाम" रोते है, सांसे सिसकती है
कुछ असर दर्द के
न जीते है, न मरते है

अशोक "नाम"

आपकी तन्हाई

आप के चेहरे पे उदासी खूबसूरत-सी लगती है
यकीं न हो तो अपनी बेपरवाह धडकनों से पूछ लो

आपकी धडकनों पे लिखी कहानी अपनी-सी लगती है
यकीं न हो तो मेरी पलकों पे अपने अश्कों से संवार दो

आप के अश्कों की नमी शायराना-सी लगती है
यकीं न हो तो मेरी ग़ज़लों को अपने लबों पे उतार लो

आप के लबों की कोमलता अजनबी-सी लगती है
यकीं न हो तो मेरी आवारगी को अपने सीने पे रख लो

आप के सीने पे मेरी सांसे संगीत-सी लगती है
यकीं न हो तो अपनी पायल की तन्हाई को सुन लो

आप के तन्हाई "नाम" की ज़िन्दगी-सी लगती है
यकीं न हो तो अपने ख्वाबों की परछाई से पूछ लो

अशोक "नाम"

Wednesday, November 10, 2010

होता है एहसास

होता है एहसास ख्वाबों के टूटने का
जब तेरी पलकों पे धड़कने बिखरने लगती है

होता है एहसास दर्द के संवरने का
जब तेरे लबों पे खुशियाँ दम तोडती है

होता है एहसास सफ़र के तनहा होने का
जब तेरी मंजिल करवटें बदलने लगती है

होता है एहसास चांदनी के गुजरने का
जब तेरे चेहरे पे आंसुओं का साया पड़ने लगता है

होता है एहसास नजदीकियों के खो जाने का
जब तेरे फासलों में ख़ामोशी उतरने लगती है

होता है एहसास "नाम" के जिंदा होने का
जब तेरी चाहते सांसो में घुलने लगती है

अशोक "नाम"

its your life

Anything you see in my eyes
its your life...

Something you want in my touch
its your closeness...

Anything you listen in my songs
its your heart-beats...

Something you feel on my lips
its your smile...

Anything you want in my desires
its your sweetness...

Something you search in my nights
its your dreams...

Anything you whisper in my ears
its your love...

Something you find in my ways
its your foot-prints...

Anything you do in my days
its your sunshine...

Something you say in my voice
its your feelings...

Anything you like in my tears
its your deepness...

Something you live in my moments
its you & only you...


Ashok Lalwani

Tuesday, November 9, 2010

तन्हाई की मजिल

पलकों की महक
आंसुओ की खुशबू
और
आपका मुस्कुराना

चाँद का अकेलापन
चांदनी की बेबसी
और
आपका गुनगुनाना

दर्द का सफर
तन्हाई की मजिल
और
आपका खो जाना

ग़ज़लों की महफ़िल
शमा का मचलना
और
आपका का खामोश हो जाना

आँगन का सूनापन
रास्तों का सिसकना
और
आपका चले जाना

ख्वाबों का उतरना
"नाम" की नींदें
और
आपका जागना

अशोक "नाम"

Thursday, November 4, 2010

आप का अहसास

सर्द हवा का झोंका
और आप का अहसास

काजल, तितली, जूगनू
और नज़रों की बारिश

पायल की मधुर झंकार
और तेरा मेरी बाँहों में बिखरना

तेरी मुस्कराहट का शर्माना
और मेरे लबों पे संवरना

अनजान मुसाफिरों का कारवां
और तेरा मेरा हमसफ़र बन जाना

"नाम" धडकनों की महफ़िल
और तेरा चिलमन उठा के आ जाना

अशोक "नाम"

Wednesday, November 3, 2010

हर लम्हा

दर्द
उस अहसास की खुशबू है
जो
हर लम्हा
धडकनों को महका जाती है


खुशियाँ
उन आँखों की आवाज़ है
जो
हर लम्हा
लबों को गुनगुना जाती है


यादें
उन बातों की खूबसूरती है
जो
हर लम्हा
पलकों को संवार जाती है


मुलाकातें
उन फसलों को कहानी है
जो
हर लम्हा
नजदीकियों को भूला जाती है


ज़िन्दगी
उस सफ़र की मजिल है
जो
हर लम्हा
तन्हाई को रूला जाती है


"नाम"
उन रास्तों को मुसाफिर है
जो
हर लम्हा
एक मोड़ पे ठहर जाता है

अशोक "नाम"

Monday, November 1, 2010

The way I feel you

we both have many ways
to see each other

but I have the way
to look you
through my heart

we both have many ways
to realise each other

but I have the way
to feel you
through my heart

we both have many ways
to understand each other

but I have the way
to find you
through my heart

we both have many ways
to touch each other

but I have the way
to hold you
through my heart

we both have many ways
to talk each other

but I have the way
to listen you
through my heart

we both have many ways
to like each other

but I have the way
to love you
through my heart

And the way is
to feel you
within me through
my heart-beats!

ashok lalwani

न जाने

तेरी यादों की बेबसी ने हमें तनहा कर दिया
न जाने तुमने हमें किस जहाँ का कर दिया

तेरी धडकनों की नमी ने हमें बेसहारा कर दिया
न जाने तुमने हमें किस दिल का कर दिया

तेरी पलकों की ख़ामोशी ने हमें बेजुबा कर दिया
न जाने तुमने हमें किस साज़ का कर दिया

तेरी तन्हाई की कमी ने हमें बेपर्दा कर दिया
न जाने तुमने हमें किस महफ़िल का कर दिया

तेरी चाहतों की मंजिल ने रुसवा कर दिया
न जाने तुमने हमें किस सफ़र का कर दिया

तेरी खुशियों के दर्द ने "नाम" को जिन्दा कर दिया
न जाने तुमने हमें किस आलम का कर दिया

अशोक "नाम"

बेनाम हमसफ़र

खामोश राहों में वो चलता है मेरे साथ
तन्हाई बन के

मंजिल पे मुझे कर देता है तनहा
बेनाम बन के

नम यादों में वो रहता है मेरे साथ
हमसफ़र बन के

महफ़िल में "नाम" को कर देता है रुसवा
अजनबी बन के

अशोक "नाम"

बेबसी

मेरे दर्द की इन्तेहा देखिये
तेरे आंसुओं को
अपनी पलकों पे महसूस करते है

"नाम" की बेबसी देखिये
तेरी तन्हाई को
अपनी मंजिल पे महसूस करते है

अशोक "नाम"

मेरी पलकों पे

लम्हे हो जाते है खूबसूरत
जब तेरा दर्द
करवट बदलता है
मेरी धडकनों में


जवा हो जाती है हसरत
जब तेरी याद
रंग बदलती है
मेरी सांसों में

बे-जुबा हो जाती है चाहत
जब तेरी ऑंखें
असर छोडती है
मेरी पलकों पे

दिल हो जाता है बेताब
जब तेरी तन्हाई
उतर आती है
मेरे अकेलेपन में

लैब हो जाते है बे-साज़
जब तेरी आवाज़
घूल जाती है
मेरे गीतों में

"नाम" हो जाते है बे-करार
जब तेरी खुशबू
बिखर जाती है
खामोश रास्तों में

अशोक "नाम"

मन

गर सँभालने वाला हो तो
लड़खड़ाने का भी मन करता है


अशोक "नाम"

Smile

What is smile?

"Smile is the dryness of tears."



The Importance of Death:

"Life is nothing, just a single letter less than the death."


Good or Bad?

"Nothing is good & nothing is bad: something good in bad & something bad in good."


Ashok Lalwani