Thursday, October 28, 2010

कही नहीं हो

ख़ुशी ये नहीं के
तुम्हारी याद साथ है
गम ये हैं के
तुम नहीं हो
कही नहीं हो

तसल्ली ये नहीं के
सांसो का सफ़र साथ है
कमी ये है के
धडकनों में तुम नहीं हो
कही नहीं हो

एहसास ये नहीं के
ज़िन्दगी अब भी है
एतबार ये है के
पलकों पे तुम नहीं हो
कही नहीं हो

उम्मीद ये नहीं के
मंजिल आँखों में बसी है
उदासी ये है के
दर्द में तुम नहीं हो
कही नहीं हो

आरज़ू ये नहीं के
चाहतों में तुम शामिल हो
आलम ये है के
तमन्नाओ में तुम नहीं हो
कही नहीं हो

अफ़सोस ये नहीं के
"नाम" की तुम बेबसी हो
अंजाम ये है के
वफाओ में तुम नहीं हो
कही नहीं हो

अशोक "नाम"

1 comment:

मुकेश कुमार सिन्हा said...

ahsaas aur ummid ka safar khubsurat laga......:)

kabhi hamare blog pe aayen