ज़िन्दगी संवरती है, वक़्त गुजरता है
कुछ निशां यादों के
न मिटते है, न हलके होते है
सपने दम तोड़ते है, चाहते गुम होती है
कुछ सफ़र ज़िन्दगी के
न खत्म होते है, न बदलते है
मुसाफिर मिलते है, कारवां बदलता है
कुछ हमराही तन्हाई के
न गुजरते है, न ठहरते है
मौसुम रंग छोड़ते है, चेहरे बदलते है
कुछ आलम बेवफाई के
न मुस्कुराते है, न नम होते है
बदल छाते है, झुल्फें खुलती है
कुछ नशा अदाओं का
न बरसता है, न उतरता है
"नाम" रोते है, सांसे सिसकती है
कुछ असर दर्द के
न जीते है, न मरते है
अशोक "नाम"
Friday, November 12, 2010
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1 comment:
बेहद खूबसूरत भाव्…………शानदार
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