Monday, November 1, 2010

बेबसी

मेरे दर्द की इन्तेहा देखिये
तेरे आंसुओं को
अपनी पलकों पे महसूस करते है

"नाम" की बेबसी देखिये
तेरी तन्हाई को
अपनी मंजिल पे महसूस करते है

अशोक "नाम"

3 comments:

संजय भास्‍कर said...

वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा

संजय भास्‍कर said...

वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा

संजय भास्‍कर said...

वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा